जाट रेजीमेंट jat regiment का इतिहास दो सौ साल पुराना है। इस दो सौ साल पुराने इतिहास में सितम्बर 2020 को एक और अध्याय जुड़ गया। जी हां अब तक जाट रेजीमेंट jat regiment में 23 बटालियन हुआ करती थी लेकिन अब 24 वीं बटालियन के उदय की भी घोषणा कर दी गई है। एक समारोह के दौरान थल सेना उपाध्यक्ष एवं कर्नल ऑफ द जाट रेजिमेंट लेफ्टिनेंट जनरल एमके सैनी ने ध्वज फहराकर 24 वीं जाट बटालियन की औपचारिक घोषणा की।
आपको बता दें कि जाट रेजिमेंट भारत के इतिहास की सबसे पुरानी रेजिमेंट है। इसके साथ ही साथ इसने जितने पुरस्कार प्राप्त किए है उतने किसी भी दूसरी रेजिमेंट ने नहीं प्राप्त किए है।
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इस बटालियन में 800 जवानों को शामिल किया गया है। सभी जवानों को एक सितम्बर को देश सेवा और बलिदान का संकल्प दिलाया गया। आपको बता दें कि जाट रेजीमेंट अटूट बल और अद्भुत युद्ध कौशल की मिसाल के तौर पर देखी जाती है। जब देश की रक्षा के लिए किसी ऐसे कार्य के लिए बटालियन को भेजना होता है जिससे करना लगभग असंभव हो तो उस समय जाट रेजिमेंट को ही भेजा जाता है। और इस भरोसे पर जाट रेजीमेंट खरी उतरती है। आपको बता दें कि हाल ही में चीनी सैनिकों ने जब भारतीय सैनिकों पर हमला किया जिसमें हमारे कई जवान घायल हो गए तो सरकार ने एक बार फिर इसी जाट रेजिमेंट पर भरोसा जताया और उसे सरहद पर भेजा।
जाट रेजीमेंट का युद्ध नारा जाट बलवान, जय भगवान है जिससे जाट रेजीमेंट का मुख्यालय बरेली में गूंज उठा।
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उन्होंने इसके बाद जवानों को संबोधित करते हुए भारतीय सेना के लोकाचार का महत्व बताया और सैनिकों से मातृभूमि की सेवा के लिए भविष्य के निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने के लिए मजबूत नींव तैयार करने का जोश भरा। 24 जाट नियमित बटालियन के तौर पर काम करेगी।
समारोह में जाट रेजिमेंट के गौरवशाली इतिहास का उल्लेख भी किया गया। बता दें कि जाट वीरों ने रेजिमेंट की स्थापना के बाद कई लड़ाइयों में अपने अदम्य साहस और शौर्य से दुश्मनों के दांत खट्टे कर गौरवशाली इतिहास लिखा है।