1.राजस्थान के जाट हरियाणा के जाटों की अपेक्षा अपने नाम के साथ अधिकतर चौधरी टैग यूज़ करते है , अजमेर , भीलवाड़ा , टोंक के जाट तो सीधा ही अपने नाम के साथ जाट लगाते है , जबकि हरियाणा में जाट अधिकतर गोत्र ही इस्तेमाल करते है ।
हरियाणा के जाट खेलकुदों के प्रति उत्साहित है जबकि राजस्थान के जाट रूढ़िवादी है और इन सब में अपने बच्चों को नहीं भेजना चाहते , हालांकि पिछले कुछ वर्षों में यह सूरतेहाल बदला है ।
अगर जाटों की बड़ी गोत्रों की बात की जाए तो मलिकों को छोड़कर सभी गौत्रें राजस्थान मूल की है या राजस्थान में अधिक पाई जाती है जैसे पुनिया , गोदारा , दहिया , हुड्डा , सिहाग , बेनीवाल आदि।जबकि हरियाणा में जाट राजस्थान के इलाकों से माइग्रेटेड है ।
शायद ये पूरी तरह सही नहीं है लेकिन गैर जाटों के विचार ये है कि राजस्थान के जाट अधिक शांत , समझदार होते है जबकि हरियाणा के जाट कुछ गर्म मिजाज व अक्खड़ किस्म के होते है ।
हरियाणा के जाट सामान्यतः एक ही रंग की पगड़ी पहनते है , जबकि राजस्थान के जाट सामान्य दिनों में सफेद व पारिवारिक शादी समारोहों में रंग बिरंगी पांच रंगों की पगड़ियां(साफे) पहनते है ।