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किसानों के समर्थन में हनुमान बेनीवाल की संसद में गुंजी आवाज

नई दिल्ली। किसान आंदोलन के समर्थन में सांसद हनुमान बेनीवाल ने तीनों किसान बिलों को वापस लेने की मांग की। उन्होंने किसानों के मान और सम्मान के लिए और किसान आदोलन के समर्थन में किसान विरोधी बिलों को वापिस लेने की मांग करते हुए बजट सत्र से पहले राष्टÑपति महोदय अभिभाषण का बहिष्कार करते हुए सदन से वाक आउट कर दिया। आपको बता दें कि हनुमान बेनीवाल ने एनडीए का भी साथ छोड़ कर किसानों के समर्थन में अपनी आवाज बुलंद की है।

राष्ट्रपति के भाषण का कई पार्टियों ने किया बहिष्कार

जानकारी के अनुसार कांग्रेस समेत 19 विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया और कृषि कानूनों की वापसी को लेकर राहुल गांधी के साथ कांग्रेस पार्टी के अन्य सांसदों के साथ संसद परिसर में महात्मा गांधी की स्टैचू पर धरना प्रदर्शन करते हुए किसानों के समर्थन में अपनी बात रखीं।

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क्या कहा राष्ट्रपति ने

बजट सत्र से पहले अपना अभिभाषण देते हुए राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने पिछल्ले साल आई विपदाओं कोरोना महामारी, सीमा पर तनाव आदि कई परेशानियों का जिक्र किया। इसके अलावा उन्होंने अपने अभिभाषण में कहा कि भारत कितनी भी बड़ी परेशानी का सामना करने को तैयार है। चुनौती कितनी ही बड़ी क्यों ना हो लेकिन न हम रुकेंगे और न भारत रुकेगा।

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उन्होंने 26 जनवरी को को तिरंगे और गणतंत्र दिवस जेसे पवित्र दिन का अपमान को बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि जो संविधान हमें अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार देता है, वही संविधान हमें सिखाता है कि कानून और नियम का भी उतना ही गंभीरता से पालन होना चाहिए। उन्होंने कृषि कानूनों का समर्थन करते हुए कहा कि कृषि सुधार के जरिए सरकार ने किसानों को नई सुविधाएं उपलब्ध काने के साथ साथ नए अधिकार भी दिए हैं।

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