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नई दिल्ली। नेशनल जाट कन्वेंशन में शिरकत करते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ ने कहा कि जाटों को अलग करने की साजिश चल रही है। इस साजिश से बच कर रहना चाहिए। किसानों की बहुत सी समस्याए है जिनके समाधान के लिए एक साथ बैठकर और आपस में बातचीत से ही यह संभव किया जा सकता है।
नेशनल जाट कन्वेंशन- किसान राष्ट्र का एक अहम हिस्सा
उपराष्ट्रपति ने कहा कि जाट समुदाय का एक बहुत बड़ा हिस्सा खेती में लगा हुआ है। किसानों ने राष्ट्र के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कि है, मेरे लिए किसानों के दरवाजे हमेशा खुले है। इसी समुदाय ने मुझे इस पद पर भेजा है, मैं उस समुदाय का प्रथम सेवक हूं. मैं समुदाय की पूजा करने में कभी पीछे नहीं हटूंगा, और मेरा संकल्प है कि किसान समुदाय को विभाजित करने की नापाक साजिशें कभी सफल नहीं होंगी।
इस अवसर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ ने वीर तेजाजी, महाराज सूरजमल, राजा महेंद्र प्रताप और नाथूराम मिर्धा की विरासतों के बारे में भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि सभी के इन महान लोगों से सीखना चाहिए और इन्हीं महान लोगों के नैतिक मूल्यों के अपनी आने वाली पीढियों में डालना चाहिए, उन्हें सही रास्ता दिखाना चाहिए ताकि वे एक बेहतर समाज का निर्माण कर सके।
किसानों के आगे बढ़ने का दिखाया रास्ता
नेशनल जाट कन्वेंशन के दौरान उपराष्ट्रपति ने किसानों को आगे बढ़ने के लिए व्यापार की दिशा में जाने को कहा। उन्होंने कहा कि किसान बहुत बड़ी तादात में उत्पादन करते हैं लेकिन इस से आगे बढ़कर किसानों के व्यापार का भी हिस्सा बनना चाहिए ताकि विकास कर सकें। किसानों के आपस में बैठकर विचार करना चाहिए कि आखिर किस प्रकार से अपना संपदा से संबंधित व्यापार में शामिल हो सके। यह बहुत बडा व्यापार है। सरकार की नीतियों को किसानों के लिए सकारात्मक बताया।
105 वें नेशनल जाट कन्वेंशन में जाटों के बारे में क्या कहा उपराष्ट्रपति ने
नई दिल्ली। नेशनल जाट कन्वेंशन में शिरकत करते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ ने कहा कि जाटों को अलग करने की साजिश चल रही है। इस साजिश से बच कर रहना चाहिए। किसानों की बहुत सी समस्याए है जिनके समाधान के लिए एक साथ बैठकर और आपस में बातचीत से ही यह संभव किया जा सकता है।
किसान राष्ट्र का एक अहम हिस्सा
उपराष्ट्रपति ने कहा कि जाट समुदाय का एक बहुत बड़ा हिस्सा खेती में लगा हुआ है। किसानों ने राष्ट्र के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कि है, मेरे लिए किसानों के दरवाजे हमेशा खुले है। इसी समुदाय ने मुझे इस पद पर भेजा है, मैं उस समुदाय का प्रथम सेवक हूं. मैं समुदाय की पूजा करने में कभी पीछे नहीं हटूंगा, और मेरा संकल्प है कि किसान समुदाय को विभाजित करने की नापाक साजिशें कभी सफल नहीं होंगी।
इस अवसर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ ने वीर तेजाजी, महाराज सूरजमल, राजा महेंद्र प्रताप और नाथूराम मिर्धा की विरासतों के बारे में भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि सभी के इन महान लोगों से सीखना चाहिए और इन्हीं महान लोगों के नैतिक मूल्यों के अपनी आने वाली पीढियों में डालना चाहिए, उन्हें सही रास्ता दिखाना चाहिए ताकि वे एक बेहतर समाज का निर्माण कर सके।
किसानों के आगे बढ़ने का दिखाया रास्ता
इस दौरान उपराष्ट्रपति ने किसानों को आगे बढ़ने के लिए व्यापार की दिशा में जाने को कहा। उन्होंने कहा कि किसान बहुत बड़ी तादात में उत्पादन करते हैं लेकिन इस से आगे बढ़कर किसानों के व्यापार का भी हिस्सा बनना चाहिए ताकि विकास कर सकें। किसानों के आपस में बैठकर विचार करना चाहिए कि आखिर किस प्रकार से अपना संपदा से संबंधित व्यापार में शामिल हो सके। यह बहुत बडा व्यापार है। सरकार की नीतियों को किसानों के लिए सकारात्मक बताया।