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coronavirus नई दिल्ली। मोदी की अपील से जनता कर्फ्यू में नागरिकों ने जिस प्रकार से सहयोग दिया है वह काबिले तारीफ है। जनता कर्फ्यू जनता के ऊपर जनता के द्वारा लगाया गया एक अनुशासनात्मक तरीका था जिससे लोगों को coronavirus जैसे घातक बीमारी को फैलने से रोका जाए। इसमें जिस प्रकार से लोगों ने सहयोग दिया है व शाम को पांच बजते ही कोरोना वीरों के थाली व ताली बजाकर सम्मान दिया है वह देश के इतिहास में पहली बार हुया है। coronavirus
यह अध्याय भारत के इतिहास में आने वाली पीढियों को एक सुनहरे अतीत के रूप में याद रहेंगा। यह कहना है वरदान फाउंडेशन एनजीओ की अध्यक्षा नीलम रावत का। नीलम रावत ने कहा कि वरदान फाउंडेशन एनजीओ भी लोगों को जागरूक करने का हर प्रयास कर रहा है कि ताकि इस घातक बीमारी coronavirus से लोगों को बचाया जा सकें लेकिन यह संभव हो सकता है केवल जनता के सहयोग से ।
लोगों को समझना होगा कि हमारे पास ना तो इतने संसाधन है और ना ही इतनी ताकत की हम सभी को बहुत दिनों तक घर में कैद कर सकें या फिर सभी को अस्पतालों में ईलाज दे सकें। कोरोना वायरस को रोकने का केवल एक ही तरीका है कि लोग सावधानी बरते साथ ही साथ अगर कोई कोरोना वायरस से संक्रमित है तो उसे इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि यह बीमारी औरों को ना लगे साथ ही साथ किसी बिना संकोच के अस्पताल में जाकर अपना ईलाज करवाना चाहिए। अगर कोरोना वायरस से पीडित व्यक्ति ने थोडी सी भी असावधानी दिखाई तो वह अपने साथ हजारों लाखों लोगों की जान मुसीबत में डाल सकता है।
सावधानी ही बचाव है कोरोना वायरस से बचने के लिए
कोरोना एक फैलने वाली बीमारी है जो एक पीडित व्यक्ति के संपर्क में आने पर दूसरे व्यक्ति तक फैलती है जिसके कारण इसकी भयानकता और ज्यादा हो जाती है। इस अवसर पर वरदान फाउंडेशन एनजीओ की अध्यक्षा नीलम रावत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के निर्णय की तारीफ करते हुए कहा कि समय से पहले दिल्ली में लॉकडाउन का निर्णय काफी सराहनीय है । एक अच्छी सरकार की निशानी होती है कि वह हर कीमत पर अपने नागरियों के लिए कठोर निर्णय लेने से भी पीछे नहीं हटती। यहीं कर दिखाया है दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने।
coronavirus – दिल्ली के मुख्यमंत्री arvind kejrial के निर्णय की तारीफ

यह एक जरूरी और समय से लिया गया सही निर्णय है क्योंकि अगर समस्यां गंभीर हो जाती तो उसके बादे कोई सख्त फैसला लेने का कोई औचित्य नहीं रह जाता क्योंकि समस्यां इतनी भयानक हो जाती जिसे रोकना काफी मुश्किल होता। इटली की स्थिति से इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है। दुर्घटना से पहले ही अगर सावधानी बरती जाए तो दुर्घटना से बचा जा सकता है लेकिन दुर्घटना होने के बाद अगर सावधानी बरती जाए तो उस सावधानी का कोई महत्व नहीं होता।
वरदान फाउंडेशन एनजीओ की अपील
इस अवसर पर वरदान फाउंडेशन एनजीओ की अध्यक्षा नीलम रावत ने भी सभी से अपील की है कि कोरोना वायरस की गंभीरता को सभी को समझना चाहिए। इसीलिए इस बीमारी से बचने के लिए व अपने देश को बचाने के लिए अपने घरों पर ही रहें व अतिआवश्यक हो तभी घरों से बाहर निकले। राष्ट भक्ति का अगर कोई अर्थ जानना चाहता है तो आज जो स्थिति चल रही है उसी से बचने व औरों को बचानें के लिए घरों में रहना ही देशभक्ति है। यह खुशी की बात है कि कोरोना वायरस से लडने के लिए पूरा देश एक साथ मिलकर कार्य कर रहा है। धर्म, राजनीति, अमीरी गरीबी सभी से ऊपर उठकर आज देश कोरोना के खिलाफ एक साथ एक आवाज में खडा हो गया है जिससे आशा है कि जल्द ही इस वायरस की चपेट से निकला जा सकें