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मेरा मकसद शिक्षा देकर पैसा कमाना नहीं, बल्कि समाज को पढ़े लिखे सभ्य व जिम्मेदार इंसान देना है : डॉ. अशोक कुमार ठाकुर
नई दिल्ली – शिक्षा जगत में विश्व स्तर पर पहचान बनाने वाले देश के विख्यात मुनि इंटरनेशनल स्कूल में केवल किताबी शिक्षा नहीं दी जाती बल्कि यहां पढ़ने वाले छात्रों को संस्कार भी दिए जाते हैं। और यहां के छात्रों को एक ही छत के नीचे सात विदेशी भाषाओं को सीखने की सुविधा मिलती है। मुनि इंटरनेशनल स्कूल के वार्षिक समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए ये विचार स्थानीय विधायक नरेश बालियान द्वारा रखे गए।
उन्होंने समारोह में उपस्थित अभिभावकों को बताया कि मैंने खुद डॉ. अशोक कुमार ठाकुर द्वारा संचालित मुनि स्कूल में जाकर देखा है कि वहां के छात्रों को किस प्रकार आधुनिक और पारंपरिक शिक्षा के मेल से बहुत कुछ नया व अनूठा सिखाया जाता हैं, यहां के सभी छात्र फर्राटेदार अंग्रेजी, जापानी, अरेबिक व संस्कृत जैसी भाषाएं आसानी से बोलते हैं, टेबलेट से पढ़ाई करते हैं। जीवन में आगे बढ़ने के लिए नित-नए अविषकार करके देखते हैं, जो छात्रों के लिए लाभकारी होते हैं।
मुनि स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों को सभ्य इंसान बनाने के लिए वैल्यू एजुकेशन पर बल दिया जाता है। मुनि स्कूल का शिक्षण मॉडल काफी अद्भुत है, इसी का परिणाम है की आज देश-विदेश में मुनि मेथेड ने अपनी श्रेष्ठता का लौहा मनवाया है,जो काबिले तारीफ है।
जनकपुरी स्थित दिल्ली हाट में आयोजित मुनि इंटरनेशनल स्कूल के वार्षिक समारोह में पधारे मुख्य अतिथि विधायक नरेश बालियान, तथा मुनि स्कूल संस्थापक डॉ. अशोक कुमार ठाकुर द्वारा दीप-प्रज्जवलन से समारोह की शुरूआत की गई। जिसके बाद छात्रों द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई। इस अवसर पर गुजरात स्थित मुनि इंटरनेशनल स्कूल ब्रांच के अध्यक्ष घनश्याम पटेल, न्यू हॉली पब्लिक स्कूल के चेयरमैन अजय अरोड़ा, प्रताप मॉडल स्कूल के संचालक अनिल अहलावत, ओ.के. मॉडल स्कूल से रवि कुमार, थॉमस पब्लिक स्कूल से रोहित कुमार, रोजवेली सी.सै.स्कूल के संस्थापक प्रेम देशवाल, जीनियस ब्रेन ग्रुप के चेयरमैन डॉ. के.कुमार, सेंट भारती पब्लिक स्कूल से सर्वेश्वर दत्त के अलावा मुनि स्कूल को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत करने वाले समयपाल सिंह प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
इस मौके पर उपस्थित अभिभावकों को संबोधित करते हुए स्कूल संस्थापक डॉ. अशोक कुमार ठाकुर ने मुनि स्कूल की सफलताओं के लिए छात्रों, अभिभावकों व स्कूल स्टाफ का धन्यवाद करते हुए बताया कि, आज देश के विभिन्न राज्यों के सैंकडों निजि स्कूलों के अलावा दिल्ली के एमसीडी स्कूलों तथा गुजरात सरकार के प्राथमिक विद्याल्यों में मुनि मेथेड को अपनाया गया है,जो हमारे लिए फक्र की बात है। 17 वर्ष पहले मुनि इंटरनेशनल स्कूल का जो पौधा मोहन गार्डन में लगाया गया था, वो आज वट वृक्ष बनकर उभर रहा है, जो दिल्ली ही नहीं, बल्कि देश की सीमाओं से बाहर भी कई देशों जैसे जापान, इंग्लैंड, कनाडा, दक्षिणी-अफ्रीका, सऊदी अरब व नेपाल जैसे देशों तक में अपनी पहचान बना चुका है। डॉ. अशोक कुमार ठाकुर ने कहाकि मेरा मकसद शिक्षा देकर पैसा कमाना नहीं, बल्कि संसार के लिए छात्रों के रूप में समाज को पढ़े- लिखे सभ्य, जिम्मेदार इंसान देना है, जिसके लिए मैं आजीवन प्रयासरत रहूंगा।
“LET’S CELEBERATE COEXISTENCE” अर्थात “चलो सह-अस्तित्व का उत्सव मनाए” थींम पर आधारित मुनि स्कूल के वार्षिक समारोह के दौरान स्कूली छात्रों ने एक से बढ़कर एक शानदार प्रस्तुतियां दी, जिन्हें देख उपस्थित लोगों को दांतों तले उंगलियां दबानी पड़ी, छत्रों द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रमों में नारी शक्ति के साथ-साथ पुरूषों की सोच बदलने, बेटियों को कमजोर ना समझने, समाज में भाई-चारा व सौहार्द बनाए रखने के अलावा भारतीय पारंपरिक व्यवस्था को दर्शाती लघु-नाटिकाओं के द्वारा समाजिक संदेश देने का सार्थक प्रयास किया गया, वहीं छात्रों ने संस्कृत, जापानी व अरेबिक जैसी विदेशी भाषाओं में तैयार कार्यक्रमों की भी उमदा प्रतुतियां देकर भी उपस्थित लोगों से खूब तालियां बटोरने में सफल रहे।
समारोह के दौरान आए अतिथियों व स्कूल के कार्यों में अहम योगदान देने वाले अभिभावकों को भी सम्मानित किया गया।