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nirbhaya case नई दिल्ली निर्भया को शुक्रवार को न्याय मिल गया । सात साल से जेल में अपने किए गुनाहों की सजा का इंतजार कर रहें चारों दोषियों को फांसी पर लटका दिया गया । nirbhaya case दोषियों ने हर संभव प्रयास किया सजा से बचने का लेकिन दोषियों का हर उपाय उन्हें फांसी के तख्ते के एक कदम और पास ले गया । आखिर शुक्रवार को चारों दोषियों को सुबह फांसी दें दी गई । nirbhaya case
कितने रुपए कमाए जेल में
जेल में कैदियों के सामने श्रम करने का मौका होता है जिससे उन्हें कुछ मेहनताना दिया जाता है । इन सात सालों में अक्षय ठाकुर, विनय शर्मा व पवन गुप्ता ने श्रम करने का निर्णय लिया था जबकि चौथा दोषी मुकेश सिंह ने किया प्रकार का श्रम ना करने का निर्णय लिया था वह पूरा दिन खाली ही रहता था । अगर श्रम से मिले रुपयों की बात करें तो सबसे ज्यादा रुपए अक्षय ठाकुर ने कमाए थे । अक्षय को 69,000 रुपए पारिश्रमिक मिला है। जबकि विनय शर्मा को 39,000 रुपए और पवन गुप्ता ने 29,000 रु की कमाई की है। लेकिन चारों आरोपियों को फांसी होने के बाद इन पैसों का वे कुछ भी नहीं कर सकें । अभी तक सभी पैसे जेल के प्रशासनिक विभाग के पास है ।
किसे मिलेंगे पैसे
निर्भया के चारों दोषियों को फांसी हो चुकी है। उनके पैसे अभी जेल प्रशासन के पास है जानकारी के अनुसार ये पैसे दोषियों के परिवार वालों को दिए जाएंगे। कुछ कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद पैसे परिवार वालों को दे दिए जाएगे लेकिन अब देखना यह है कि आखिर आरोपियों के परिवार वाले इन पैसों को पाने का प्रयास करते है या फिर अपनाते है या नहीं ।
क्या किया दोषियों ने जेल में
जेल में सजा काटने के दौरान मुकेश पवन और अक्षय ने 2016 में कक्षा 10 वीं क्लास पास करने के लिए एडमिशन लिया था, इन्होंने परीक्षा भी दी थी, लेकिन वे पास नहीं हो सके थे। 2015 में, विनय ने एक वर्ष के स्नातक कार्यक्रम में प्रवेश लिया था, लेकिन वह कोर्स पूरा नहीं कर पाया। चारों आरोपी पिछल्ले कई सालों से अपने किए गुनाह की सजा जेल में भुगत रहें थे जिसके कारण उनको किसी दूसरे काम में मन नहीं लगता था।
जेल में मिली थी कई बार सजा
निर्भया केस के सभी दोषियों में जेल के नियम तोड़ने की वजह से अक्षय को एक बार सजा मिली है, मुकेश को नियम तोड़ने पर 3 बार जबकि पवन को आठ बार और सबसे ज्यादा विनय को ग्यारह बार सजा मिली है। यह सजा किसी को गाली देने, जेलर के आने पर खड़े न होने, तम्बाकू या किसी के साथ मारपीट करने और कई वजहों से मिलती है, सजा के तौर पर दोषियों से उनको जेल में मिलने वाली सहूलियतें वापस ले ली जाती है। किसी भी कैदी को उसके आचरण की वजह से सजा देने की जानकारी बाकायदा सेशन कोर्ट को इसकी जानकारी दी जाती है और उसकी अनुमति के बाद ही कुछ समय तक उसको सजा दी जाती है।