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नई दिल्ली, सुरेन्द्र सिंह। महाराजा सूरजमल के बलिदान दिवस पर गांव रोरी में कुश्ती दंगल का आयोजन किया गया। कुश्ती में महिला व पुरूष पहलवानों ने दमखम से जोर दिखाये। लगभग बीस कुश्ती हुई। जितने वाले पहलवानों को इनाम राशि देकर प्रोत्साहित किया गया। कुश्ती जीतने वाले पहलवान कुमारी दिपाली, रवि पंडित, ललित, विकास, गोविंद आदि थे।
सूरजमल जी का प्रतीक भेंट किया
दंगल के उपरांत अलग अलग क्षेत्रों में समाज सेवा करनेवाले समाज सेवियों व खेल के क्षेत्र मे अपनी पहचान बनाने वाले खिलाडिय़ों व प्रशिक्षण देने वाले कोच साहबों को महाराजा सूरजमल जी का सम्मान प्रतीक भेंट कर सम्मानित किया गया। सम्मान प्राप्त करनेवालों मे कोच जितेन्द्र सिंह, कोच परवीण कुमार,और खिलाफ निजाम व नरेन्द्र पहलवान आदि रहे थे।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रहें कर्नल सुधीर चौधरी
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कर्नल सुधीर चौधरी ने कहा कुश्ती ग्रामीण आंचल का मुख्य खेल है। कुश्ती करने से युवाओं मे अत्मविश्वास बढता है और युवा पीढी दुर्वयस्नो से बची रहती है। इसलिए नवयुवकों व नव युवतियों को कुश्ती जरूर सीखनी और करनी चाहिए।
क्या कहा चौधरी बाबा परमेन्द्र आर्य ने
महाराजा सूरजमल अखाड़ा गांव रोरी के संचालक व सर्वजातिय श्योराण खाप उत्तर प्रदेश के चौधरी बाबा परमेन्द्र आर्य ने कहा महाराजा सूरजमल स्वयम बहुत बडे पहलवान थे। वे प्रतिदिन कुश्ती करते थे। उनके डीग के महल मे आज भी वो कुश्ती अखाड़ा है जहाँ पर कुश्ती व मल्ल युद्ध का अभ्यास करते थे। भरतपुर की सेना में बहुत अधिक संख्या मे पहलवान रहते थे। महाराजा सूरजमल का नारा था गांव गांव अखाड़े व गांव गांव मल्ल (पहलवान) । लेकिन आज महाराजा सूरजमल को अपना आदर्श मानने वाले लोगों के गिने चुने गांव मे ही अखाड़े व पहलवान है। उनके बलिदान दिवस पर हम अधिक से अधिक अखाड़े चलाने का संकल्प लें यही महाराजा सूरजमल को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
कुश्ती देखने के लिए काफी संख्या में पुरूष और महिला उपस्थित रहे।