Breaking News

शिक्षा का दान देता पुलिस कांस्टेबल धर्मवीर जाखड़ (Rajasthan Cop Dharamveer Jakhar)

आपणी पाठशाला के बच्‍चों के साथ धर्मवीर जाखड

राजस्थान। आपने ऐसे जाट भाई तो बहुत देखे होंगे जो अन्न दान करते है। आखिर जाट समाज जुड़ा ही भूमि से है लेकिन एक ऐसा जाट है जो शिक्षा दान करता हैं। जिसके कारण ना जाने कितने बच्चों के उज्जवल भविष्य का निर्माण हो चुका हैं। शिक्षा की इसी अलख ने उसे सरकारी पद पर पहुंचाया। लेकिन मन फिर भी नहीं भरा कहीं दिल में एक कसक थी वह पूरी हुई आपणी पाठशाला के निर्माण के साथ। कहानी दिलचस्प हैं। राजस्थान के एक छोटे से जिले चूरू में धर्मवीर जाखड़ पोस्टेड हैं। बात साल 2016 की हैं। काफी सर्दी थी धर्मवीर जाखड़ अपने क्वार्टर में पढ़ाई कर रहें थे कि अचानक बाहर से आवाज आई, बाहर आकर देखा तो कुछ बच्चें भीख मांग रहें है। उम्र छोटी थी ओर भीख में पैसा नहीं खाने की मांग थी तो धर्मवीर जाखड़ ने बच्चों से बात की पता चला कि पुलिस लाईन के पास बसी झुग्गी में बच्चे रहते हैं। बच्चों ने बताया कि उनके माता पिता नहीं है। इस लिए वे भीख मांगने पर मजबूर हैं। उम्र छोटी है तो कुछ ओर कर भी नहीं सकते। धर्मवीर जाखड़ के मन में यह बात घर कर गई तो उन्होंने पास ही झुग्गियों में जाकर सच्चाई जाननी चाहिए। वहां जाकर पता चला कि बच्चे सच बोल रहें थे। कुछ बच्चों के माता पिता का देहांत हो चुका है तो कुछ के माता पिता इतने गरीब है कि उन्हें खाना मांग कर खाना पड़ता हैं। बस वहीं समय था की धर्मवीर जाखड़ ने शिक्षा की लो को अपने में से निकाल कर बच्चों के सामने रख दिया ओर निर्माण हुआ आपणी पाठशाला का।


एक साल पर नए भविष्य का निर्माण आपणी पाठशाला


एक जनवरी 2016 को अपने कुछ दोस्तों के साथ धर्मवीर जाखड ने बच्चों को पढ़ाने का कार्य अपने हाथ में लिया। शुरू -शुरू में केवल 5-6 बच्चे आए जिनको एक घंटे धर्मवीर जाखड़ व उसके दोस्त पढ़ाते थे लेकिन जल्द ही उनकी लगन ओर उज्जवल भविष्य की आस में ओर बच्चे भी आने लगे जिसके कारण बच्चों की संख्या जल्द ही बढ़ कर 30 हो गई।


समय के साथ जुड़ते गए लोग


धर्मवीर जाखड़ व उसके दोस्तों की लगन देखकर ओर लोग भ साथ आने लगे। कुछ ओर परिवारों से बात की तो उन्होंने भी बच्चों के लिए पुराने कपड़े, खिलौने, खाना आदि जुटाना शुरू कर दिया जिससे आपणी पाठशाला को मजबूती मिली व बच्चों पढ़ाई की तरफ ओर भी आकर्षित हुए। बच्चों की लगन व तादात देखकर पढ़ाई का समय दो घंटे कर दिया गया।


समाज भी जुड़ा मुहिम से


समय के साथ सथ आपणी पाठशाला में बच्चों की संख्या बढऩे लगी व लोग भी इस संबंध में जानने लगे तो समाज भी साथ होने लगा। लोग जन्मदिन, पार्टी या किसी त्यौहार पर बच्चों के साथ मनाने के लिए पहुंचने लगे। बच्चों को समाज का साथ मिलने लगा तो उनका भी आत्मविश्वास जागने लगा। लोग उन्हें कपड़े, कॉपी किताब, पेंसिल आदि पढ़ाई की वस्तुएं देने लगे तो कुछ खाने पीने की वस्तुए देने लगे जिससे धर्मवीर जाखड़ की मुहिम तेजी से बढऩे लगे। धीरे धीरे बच्चों की संख्या में भी इजाफा होने लगा तो जगह की कमी होने लगी जिसे देखते हुए पहले थाने में फिर मेडिकल कॉलेज चूरू की दीवार की छांव में उसके बाद औषधि भंडार के खाली हाल में बच्चों को शिक्षा देने के लिए जगह मिली।


रोजाना लगती है कक्षा


आपणी पाठशाला में अब ओर लोग भी जुड़ चुके है । धर्मवीर जाखड़ के कुछ अन्य दोस्त व कुछ महिला कॉस्टेबल नियमित रूप से बच्चों को पढ़ाती हैं। बच्चों की प्रतिभा के कारण कुछ बच्चों का एडमिशन स्कूल में भी हो गया हैं जहां स्कूल ने उनकी फीस माफ कर दी है तो व अन्य पढ़ाई का खर्चा भी स्कूल उठा रहा हैं।

About jaatpariwar

जाट परिवार समाज में होती हलचलों के बारे में जानने का एक नजरिया हैं जाट परिवार से जुडने के लिए मेल करें jaatpariwar01@gmail.com पर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *